ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा
यहाँ हम ईद की नमाज़ अदा करने का तरीक़ा लिख रहे हैं
नमाज़े ईदुल फ़ित्र की नियत
नियत की मैंने दो रकअत
नमाज़े ईदुल फ़ित्र की वाजिब छः ज़ाइद तक़बीरों के साथ वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा
काबा शरीफ़ की तरफ़
अल्लाहु अकबर
नमाज़े ईदुल अज़हा की नियत
नियत की मैंने दो रकअत
नमाज़े ईदुल अज़हा की वाजिब ज़ाइद छः तक़बीरों के साथ वास्ते अल्लाह तआला के मुँह मेरा
कअबा शरीफ़ की तरफ़
अल्लाहु अकबर
ईद की नमाज़ दो राकाअत
पढ़ी जाती है यह नमाज़ वाजिब है । ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका यह है :
सब से पहले इस तरह
नियत करें कि : नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ वाजिब ईदुल फित्र / ईदुल अज़हा की 6 ज़ाइद
तकबीरों के साथ , वास्ते अल्लाह तआला के, पीछे इस इमाम के,
मुंह मेरा काबा शरीफ़
की तरफ़, इतना कहकर दोनों हाथ कानों तक उठाए और फिर अल्लाहु अक्बर कह कर हाथ बाँध लें
फिर सना पढ़ें “सुबहानका अल्लाहुम्मा
व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा
गैरुका”
सना पढ़ने के बाद फिर
कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अक्बर कहता हुआ हाथ छोड दे, फिर दूसरी बार कानों
तक हाथ उठाए और अल्लाहु अक्बर कहकर हाथ छोड दे, फिर तीसरी बार हाथ
उठाए और अल्लाहु अक्बर कह कर बाँध लें, और इमाम जो भी पढ़े ! उसे खामोशी के साथ अच्छे
से सुने इमाम अऊजु बिल्लाह, बिस्मिल्लाह और सूरए फातिहा और कोई सूरत पढे । मुक्तदी खामोश
रहे यानी इमाम के पीछे पढ़ने वाले खामोश रहे ।
फिर इमाम के पीछे रुकु व सज्दे करे, जब दूसरी रकअत के लिये
खड़े हो तो इमाम बिस्मिल्लाह सूरए फातिहा और कोई सूरत पढे ( मुक्तदी यहाँ भी खामोश खड़े
रहे ) जब इमाम अल्लाहु अक्बर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे ! एक बार फिर अल्लाहु
अक्बर कहे अल्लाहु अक्बर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे ! फिर से अल्लाहु अक्बर
कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे और जब चौथी बार फिर से अल्लाहु अक्बर कहे तो बगैर
हाथ उठाए अल्लाहु अक्बर कहता हुआ रुकू में जाए और मामूल के मुताबिक नमाज़ पूरी करे ।
यानी की जैसी और नमाज़
होती है वैसे ही नमाज़ पढ़ना है बस पहली रकअत में नियत के बाद पहली तकबीर के बाद हाथ बांधकर सना पढ़ेंगे
फिर सना पढ़ने के बाद तीन बार तकबीर होगी जिनमें
दो बार अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और छोड़ देना है और तीसरी बार में अल्लाहु
अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और हाथ बांधना है इसी तरह दूसरी रकअत में सूरह फातिहा
और दूसरी सूरह के बाद तीन बार अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और छोड़ देना है
! और चौथी बार में रुकू में जाना है और बाकी नमाज़ और नमाज़ो की तरह ही इमाम के पीछे
पूरी करना है ।
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