फिलिस्तीन और इस्राइल
अब्बास अज़हरी मिस्बाही
सात साल बाद एक बार फिर इजरायल
और फिलिस्तीन एक दूसरे के आमने सामने हैं. लगातार हो रहे हवाई हमलों और गोलाबारी के
बीच एक बार फिर दोनों के बीच युद्द जैसे हालात बन गए हैं. साल 2014 में दोनों के बीच युद्ध हुआ था जो कि 50 दिन तक चला था.
इजरायल और फिलिस्तीनियों के
बीच रॉकेट और हवाई हमले जारी हैं. इजरायल के ताबड़तोड़ हवाई हमलों के चलते फिलिस्तीनियों
में दहशत का माहौल है और बेकसूर लोग जान गंवा रहे हैं .मंगलवार को इस्राइल ने हमास
के पॉलिटिकल विंक के ऑफिसर पर हमला करते हुए 13 मंजिला बिल्डिंग गिरा दी। और वर्तमान स्थिति को देखते हुए माना
जा रहा है कि अगर इजरायल और फिलिस्तीन के बीच
यह संघर्ष ऐसे ही जारी रहा तो यह निश्चित रूप से"युद्ध" में तब्दील हो जाएगा!इजरायल
के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यह तो अभी शुरुआत
है,हमें उन्हें ऐसा सबक सिखाएंगे कि वो सपने में भी हम पर हमला
करने करने को नहीं सोचेंगे!!!!!!!!
एक समाचार एजेंसी ने बताया
कि इजरायल की सेना ने गाजा के भीड़भाड़ वाले तटीय इलाके में सैकड़ों हवाई हमले किए
हैं और अब भी कर रहा है और दोनों देश पूरी
तरह से युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं ऐसे में बड़ी संख्या में मारे जा रहे बेगुनाह लोगों
की तस्वीरों को देखने के बाद कठोर से कठोर व्यक्ति इस्राइल की निंदा कर रहा है और दोनों
देशों को फौरन एक दोसरे पर हमला रोकने के लिए
अपील कर रहा है लेकिन यहां समस्या यह है कि एक तरफ
फिलिस्तीनी जो कि यहां के मूल निवासी हैं और इस जगह पर उनका अधिकार है और वो किसी भी स्थिति
में उसे नहीं खोना चाहते हैं और दोसरी तरफ वर्ष 1948 में बसा इजरायल धीरे
धीरे पूरे फिलिस्तीन पर कब्जा करके फिलिस्तीनीयों को उनके देश से बाहर करने के लिए
ताकत और पैसे इस्तेमाल कर रहा है और दुनिया की बड़ी बड़ी ताकतों को अपने साथ मिलाकर
कर "दि ग्रेट इस्राइल" के नाम से फिलिस्तीन समेत कई पड़ोसी देशों को खत्म
करके इस्राइल में मिलाना चाहता है चुंकि अभी फिलिस्तीन के कुछ भागों को खत्म करने के
लिए गत रविवार को इस्राइली सुप्रीम कोर्ट ने पूर्वी जेरुसलम से फिलिस्तीनियों के सात
परिवारों को हटाने का आदेश जारी किया था। आदेश में इस्राइल के गठन से पहले 1948 में यहूदी रिलिजन एसोसिएशन के अधीन आने वाले घरों
को खाली करने के निर्देश दिए गए थे। इसका पालन करते हुए इस्राइल में स्थिति शेख जर्रा
नामक जगह में रहने वाले 70 फिलिस्तीनियों को
हटाकर यहूदियों को बसाया जाने लगा। लेकिन फिलिस्तीनी इस आदेश से नाखुश थे, इसलिए उन्होंने नें इसके विरोध में प्रदर्शन किया
जिसके नतीजे में इस्राइल ने प्रदर्शनकारियों पर हमले किए और फिर दोनों तरफ से जवाबी
कार्रवाई शुरू हुई और यह भी स्पष्ट रहे कि इजरायल जिस मौके की तलाश में था,
उसे वो मौका हमास ने दे दिया और इसका खामियाजा पूरे
फिलिस्तीन को भुगतना पड़ रहा है। कुछ फिलिस्तीनीयों के जख्मी या मारे जाने पर हमास ने एक साथ सैकड़ों रॉकेट इजरायल के ऊपर फायर
करके इजरायल को जवाबी कार्रवाई करने का बहाना दे दिया है और अब इजरायली सैनिक गाजा
को कब्जाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। इजरायली प्रधानमंत्री ने पहले ही बयान
दे दिया है कि इजरालय की कार्रवााई अभी रूकने वाली नहीं है, ऐसे में सवाल यही है क्या एक या दो दिनों में गाजा पट्टी भी
फिलिस्तीन के हाथों से छिन जाएगा? ऐसा इसलिए क्योंकि
हजारों की संख्या में इजरायली सैनिक गाजा पट्टी की सीमा पर जमा हो चुके हैं और हमास
को निशाना बना रहे हैं। पहले रिपोर्ट आई थी कि इजरायली सैनिक गाजा के अंदर दाखिल हो
चुके हैं, जिससे बाद में इजरायस ने इनकार
किया था। लेकिन माना जा रहा है कि बहुत जल्द इजरायली सैनिक गाजा पट्टी में दाखिल हो
सकते हैं।सीएनन की रिपोर्ट के मुताबिक पहले खबर आई थी कि इजरायली सैनिक भारी बमबारी
और गोलीबारी करते हुए गाजा पट्टी में घुस गये हैं, जिसे बाद में इजरायल ने नकार दिया था। इजरायल डिफेंस फोर्स ने
अपनी ट्वीट में कहा था कि 'इजरायली सैनिक और
इजरायली एयरफोर्स अभी गाजा पट्टी पर हमला कर रहे हैं अभी तक इजरायल की आर्मी गाजा पट्टी
में दाखिल नहीं हुई है।' हालांकि, सीएनन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 'गाजा पट्टी पर इजरायल ने शुक्रवार सुबह सुबह भारी
बम बरसाए हैं और कई हवाई हमले किए हैं, जिसके बाद गाजा पट्टी के सैकड़ों लोग अपने घरों को छोड़कर बाहर निकल रहे हैं।'
वहीं, यूनाइटेड नेशंस के अधिकारियों ने भी कहा है कि 'गाजा में रहने वाले दर्जनों परिवार अपने घरों को छोड़कर पलायन
कर रहे हैं। भारी संख्या में लोग अलग अलग रिफ्यूजी कैंप्स में शरण ले रहे हैं। स्कूलों
को अस्थाई शरणार्थीकैंप बनाया जा रहा है। यूएन ने भी कुछ आपातकालीन शरणार्थीकैंप बनाए
हैं।'
सीएनन की रिपोर्ट के मुताबिक
पहले खबर आई थी कि इजरायली सैनिक भारी बमबारी और गोलीबारी करते हुए गाजा पट्टी में
घुस गये हैं, जिसे बाद में इजरायल
ने नकार दिया था। इजरायल डिफेंस फोर्स ने अपनी ट्वीट में कहा था कि 'इजरायली सैनिक और इजरायली एयरफोर्स अभी गाजा पट्टी
पर हमला कर रहे हैं अभी तक इजरायल की आर्मी गाजा पट्टी में दाखिल नहीं हुई है।'
हालांकि, सीएनन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 'गाजा पट्टी पर इजरायल ने शुक्रवार सुबह सुबह भारी
बम बरसाए हैं और कई हवाई हमले किए हैं, जिसके बाद गाजा पट्टी के सैकड़ों लोग अपने घरों को छोड़कर बाहर निकल रहे हैं।'
वहीं, यूनाइटेड नेशंस के अधिकारियों ने भी कहा है कि 'गाजा में रहने वाले दर्जनों परिवार अपने घरों को छोड़कर पलायन
कर रहे हैं। भारी संख्या में लोग अलग अलग रिफ्यूजी कैंप्स में शरण ले रहे हैं। स्कूलों
को अस्थाई शरणार्थीकैंप बनाया जा रहा है। यूएन ने भी कुछ आपातकालीन शरणार्थीकैंप बनाए
हैं।'
रिपोर्ट ये भी है कि लेबनान
की तरफ से भी इजरायल पर रॉकेट दागे गये थे लेकिन वो सभी रॉकेट भूमध्य सागर में गिर
गये। इसी बीच इजरायल के कई शहरों में यहूदियों और मुस्लिमों के बीच दंगे शुरू हो गये
हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस दंगे के दौरान सैकड़ों गाड़ियों को जलाया गया है। आज इजरायल
का स्थापना दिवस भी है, लेकिन स्थापना दिवस
के मौके पर इजरायल में भारी अशांति फैली हुई है। वहीं, रिपोर्ट ये भी है कि मिस्र का एक प्रतिनिधिमंडल इजरायल भी पहुंचा
है जो इजरायल के अधिकारियों से शांति स्थापना और सीजफायर के लिए बातचीत करेगा। वहीं,
माना जा रहा है कि इस बार की लड़ाई में भी इजरायल
फिलिस्तीन के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा बढ़ा सकता है। वहीं, संभावना इस बात की ज्यादा लगाई जा रही है कि इजरायली
सैनिक एक या दो दिनों में कहीं गाजा पट्टी पर कब्जा ना कर लें।
मिडिया की दोगला चरित्र: जी
न्यूज का सूधीर चौधरी लिखता है कि यह धर्म की जंग है यानी वतन के लिए संघर्ष को जान
बूझकर धार्मिक जंग बता कर अपनी मानसिकता खोने का सुबूत पेश कर रहा है और फिलिस्तीनीयों
को "आतंकवादी " लिख रहा है और मुकम्मल तौर पर मूल निवासी फिलिस्तीनीयों को
ग़लत बता रहा है ! इस का मतलब यह है कि कुछ तथाकथित पत्रकार व अन्य लोग मुस्लिम समुदाय से नफ़रत करने के कारण अत्याचार
करने वालों के साथ हैं और सोशल मीडिया पर
" हम इस्राइल के साथ हैं" के नाम से हैश टैग चला कर अपना परिचय करा रहे हैं
उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि फिलिस्तीन और इस्राइल के बीच जंग धर्म की नहीं है क्योंकि
कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस्राइल में रहते हैं, और दोनों एक दूसरे धर्म की इज्जत करते हैं बल्कि यहां इस्राइल
ने फिलिस्तीनीयों को उनके घर से बेघर कर दिया और उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है जिसको
वापस लेने के लिए फिलिस्तीनी संघर्ष कर रहे हैं।
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